समन्वय (Co-ordination)
सामान्यत समन्वय एवं सहयोग एक समान शब्द प्रतीत होते है लेकिन सहयोग स्वेच्छिक भावना से किया जाता है जबकि समन्वय में समूह की इच्छा व अन्य बाहरी तत्व अपनी भूमिका निभाते है, समन्वय में भी सहयोग की भावना होती है पर समन्वय बिना सहयोग के भी करवाया जा सकता है, समन्वय में सहयोग के लिए प्रयास करने पड़ते है, जेम्स मूने, समन्वय को संघठन का प्रथम सिद्धांत करार देते है
समन्वय की परिभाषा (Definition of Co-ordination)
समन्वय की अनेक विद्वानों ने कई परिभाषा प्रस्तुत की है जो निम्न्न प्रकार है
हेनरी फेयोल- समन्वय किसी संघठन की सभी क्रियाओ में समरसता स्थापित करता है ताकि इसका कार्य सफलतापुर्वक चलता रहे
सेक्लर हडसन– समन्वय कार्य के विभिन्न हिस्सों के बिच तालमेल बैठाने की एक महत्वपूर्ण गतिविधि है
मेरी फोलेट- समन्वय किसी स्थति में सभी तत्वों का पारस्परिक सम्बन्ध है
थियो हैमन के अनुसार- सहयोग केवल व्यक्तियों की परस्पर सहायता करने की इच्छा प्रकट करता है, यह लोगो का स्वेचापूर्ण परिणाम है इसके विपरीत समन्वय में कई सारे तत्व शामिल है
समन्वय की आवश्यकता व महत्व (Need and Significance of Co-ordination)
कार्यकुशलता का स्तर ऊँचा करने के लिए
संघठन के वांछित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए
कार्यो व गतिविधियों का दोहराव रोकने के लिए
टकराव व संघर्ष रोकने के लिए
लोगो की आपसी प्रतिस्पर्धा रोकने के लिए
समन्वय के सिद्धांत (Principle of Direct Contact)
प्रत्यक्ष सम्पर्क का सिद्धांत (Principle of Direct Contact)
सम्पूर्णता का सिद्धांत (Principle of Completeness)
निरंतरता का सिद्धांत (Principle of Continuity)
समन्वय की स्थापना का सिद्धांत
समय का सिद्धांत
समन्वय की विधिया (Methods and techniques of Effective Co-ordination)
प्रशासनिक संगठनो में समन्वय स्तापित करने की बहुत विधियां है उन्ही में से कुछ निम्न्न प्रकार है
सम्मेलन व संगोष्ठीयां
संगठनात्मक तरीके
परामर्श व सामूहिक बैठक
विधियों व प्रणालियों का मानकीकरण
नियोजन
पर्यवेक्षण
नियंत्रण व निर्देशन
समन्वय में होने वाली बाधाये (Barriers to Successful Co-ordination) लूथर गूलिक के अनुसार
प्रशासकीय कोशल व तकनीक का आभाव रहता है
व्यक्ति तथा जनता के व्यवहार के विषय में भविष्य सम्बन्धी अनिश्चितता बनी रहती है
मानवीय ज्ञान की अपूर्णता रहती है
नये विचारो व कार्यक्रमों का विकास करने उसे पूरा करने के तरीको का आभाव
सेक्लर हडसन के अनुसार
संगठनो का बढ़ता आकार व जटिलता
कर्मचारियों का व्यक्तित्व
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