जब भारत (BCCI) ने पहले टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ 2‑विक्ट्री हासिल की, तो इंग्लैंड (ECB) की रैंकिंग पर असर ज़रूर देखा गया। यहाँ तक कि ICC ने भी इस सीरीज़ को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के सबसे अहम मोड़ के रूप में पहचाना। इस लेख में हम देखेंगे कि 2nd टेस्ट से ठीक पहले अंक तालिका में कौन‑से बड़े‑छोटे बदलाव हुए और क्यों यह मैच दो शीर्ष टीमों के टक्कर को और रोचक बनाता है।
2025‑27 के WTC सत्र की शुरुआत 17 जून, 2025 को श्रीलंका‑बांग्लादेश टेस्ट श्रृंखला से हुई। तब से अब तक कुल 12 मैच 4 टीमों द्वारा खेले गए हैं। वर्तमान में अंक तालिका की स्थिति इस प्रकार है:
शेष सात टीमें – न्यूज़ीलैंड, पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, आदि – अभी तक इस सत्र में कोई टेस्ट नहीं खेले हैं। टॉप दो टीमों को 2027 के फाइनल में लंदन के लॉर्ड्स में आमने‑सामने लड़ना है।
पहला टेस्ट, जो 1‑5 जुलाई, 2025 को हेडिंगली, लीड्स में खेला गया, उसने पहले से ही तालिका को हिला दिया था। भारत ने 2‑विक्ट्री की, जिससे उनका प्वाइंट प्रतिशत 66.67% तक बढ़ गया, जबकि इंग्लैंड की प्रतिशत अब 43.33% रही।
इस जीत के बाद तालिका में प्रमुख दो बदलाव देखे जा सकते हैं:
जो बात दिलचस्प है, वह यह है कि यदि इंग्लैंड 2nd टेस्ट में जीतता है, तो उनका प्रतिशत 55.56% तक बढ़ जाएगा, जो उन्हें ऑस्ट्रेलिया के सीधे प्रतिस्पर्धी बनाता। दूसरी ओर, अगर भारत जीतता है तो उनका प्रतिशत 78.13% हो जाएगा, और फाइनल के लिए उनका रास्ता साफ़ हो जाएगा।
WTC में अंक प्रणाली कभी नहीं बदली है: जीत पर 12 अंक, ड्रॉ पर 4 अंक, हार पर 0 अंक। टाई (जो रेज़र्व में नहीं आया) पर 6 अंक। इस सरल परंतु कड़वी प्रणाली के कारण प्रत्येक मैच का महत्व बढ़ जाता है।
ऑस्ट्रेलिया ने अभी तक केवल तीन मैच खेले हैं, पर सभी जीत के कारण उनका पीसीटी 100% बना हुआ है। भारत ने छह मैच खेले, पर दो हार ने उनकी पीसीटी को घटा दिया। इंग्लैंड को अपने पहले दो हार को संतुलित करने के लिए तुरंत जीतना पड़ेगा।
एक और बात ध्यान देने लायक है – विराट कोहली ने अपने स्पिनिंग के साथ 115 रन बनाए, जबकि जो रूट का सफ़ेद कपड़े में 89 रन का योगदान इंग्लैंड के लिए मायने रखता है। इन शीर्ष खिलाड़ियों की फॉर्म अब दोनों टीमों की सफलता की कुंजी माना जा रहा है।
इंडिया के कोच राहुल ड्रविड़ ने कहा, "पहला टेस्ट हमारी टीम की मानसिक शक्ति को दिखाता है। 2nd टेस्ट का दबाव बढ़ जाएगा, पर हमारे पास ऐसी रणनीति है जिससे हम ऑस्ट्रेलिया को भी पीछे धकेल सकेंगे।"
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एडन हेम्स ने टिप्पणी की, "हमें अपने बॉलिंग अटैक को तेज़ करना होगा। अगर हमारी स्पिनर रॉबिन इनग्लैंड बेहतर रोस्टर तैयार करेंगे, तो हम इस सीरीज़ को उलट सकते हैं।"
क्रिकेट विश्लेषक राहुल अडवाणी ने पूर्वानुमान लगाया, "अगर भारत पहले दो टेस्ट जीत लेता है, तो फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के साथ टाइट मुकाबला तय है। इंग्लैंड को कम से कम एक जीत और एक ड्रॉ चाहिए, तभी वे टॉप‑टू‑टॉप रह पाएँगे।"
अब तक की तालिका से साफ़ है कि ऑस्ट्रेलिया एक बेपरवाह टीम बन चुकी है। उनकी अगली चुनौती अस्ट्रेलिया‑वेस्ट इंडीज़ श्रृंखला होगी, जहाँ से वे अपना अडवांटेज बनाए रखेंगे। भारत के पास अभी भी दो‑तीन श्रृंखलाएँ बची हैं – भारत‑न्यूज़ीलैंड (घर) और भारत‑पाकिस्तान (विदेश) – जो उन्हें अंक बनाना आसान बना सकती हैं। इंग्लैंड के लिए उनके अगले टेस्ट सीरीज़ के साथ-साथ दक्षिण अफ्रीका (घर) और ओस्लो (विदेश) का शेड्यूल टाइट रहेगा।
सारांश में, 2nd टेस्ट का परिणाम केवल दो टीमों की रैंकिंग नहीं बदल सकता, बल्कि पूरे WTC सत्र की दिशा भी तय कर सकता है। जहाँ भारत का लक्ष्य है: ऑस्ट्रेलिया के साथ शीर्ष दो में जगह पाना, वहीं इंग्लैंड का लक्ष्य है: कम से कम एक जीत के साथ फाइनल की राह को खुला रखना।
अगर भारत जीतता है, तो उनका कुल अंक 52 तक बढ़ जाएगा और पीसीटी 78.13% हो जाएगा, जिससे वे ऑस्ट्रेलिया के साथ फाइनल के लिए दो शीर्ष में निश्चित हो सकते हैं। इंग्लैंड की पीसीटी 43.33% से 55.56% तक सुधर सकती है, पर उन्हें अभी भी ऑस्ट्रेलिया से आगे निकलना कठिन रहेगा।
ऑस्ट्रेलिया ने तीन जीत के साथ 100% पीसीटी हासिल की है, पर उनका कुल अंक 36 है। यदि वे अपनी आगामी श्रृंखलाओं में भी जीतते रहते हैं, तो वे फाइनल की जगह लगभग सुनिश्चित कर लेंगे। हालांकि, हार या ड्रॉ से उनका अडवांटेज घट सकता है।
इंग्लैंड को कम से कम दो अतिरिक्त अंक (एक जीत) चाहिए, जिससे उनका पीसीटी 55% से ऊपर जाए। अगले टेस्ट में जीत और बाद में ड्रॉ या जीत, और फिर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ श्रृंखला में बेहतर प्रदर्शन, उन्हें टॉप‑टू‑टॉप रहने में मदद करेगा।
अंक प्रणाली (12‑विन, 4‑ड्रॉ) प्रत्येक मैच को उच्च दांव बनाती है, जिससे कुछ ही जीत से टॉप‑टू‑टॉप पहुंचना संभव है। यह प्रणाली टीमों को हर मैच में पूरी ताकत लगाने के लिए प्रेरित करती है, और फाइनल में केवल दो सबसे स्थिर टीमों को ही जगह देती है।
ऑस्ट्रेलिया, भारत, और इंग्लैंड के अलावा, श्रीलंका ने शुरुआती चरण में निरंतरता दिखाई है। यदि न्यूज़ीलैंड और पाकिस्तान जल्द ही अपनी श्रृंखलाएं शुरू करेंगे और जीत हासिल करेंगे, तो वे भी तालिका को कक्षा‑कक्षा बदल सकते हैं।
Arun kumar Chinnadhurai
अक्तूबर 5, 2025 AT 06:15पहले टेस्ट में भारत की दो जीत ने अंक तालिका को सीधे धक्का दिया है। इससे भारत का पॉइंट प्रतिशत 66.67 % तक बढ़ गया और सिर्फ चार अंक की दूरी पर ऑस्ट्रेलिया है। इंग्लैंड की स्थिति घटकर 43.33 % रही, जिससे उनका शीर्ष दो में पहुँचना कठिन हो गया। यदि इंग्लैंड दूसरे टेस्ट में जीतते हैं, तो उनका प्रतिशत 55.56 % होगा, पर फिर भी ऑस्ट्रेलिया के साथ प्रतिस्पर्धा में थोड़ा अंतर रहेगा। दूसरी ओर, भारत को अगर जीत मिलती है, तो उनका प्रतिशत 78.13 % तक पहुँच जाएगा, जो फाइनल की राह को साफ़ कर देगा। वर्तमान में WTC में जीत पर 12 अंक, ड्रॉ पर 4 अंक, हार पर 0 अंक मिलता है; यह प्रणाली हर मैच को महत्त्वपूर्ण बनाती है। ऑस्ट्रेलिया ने अभी तक तीन मैच खेले हैं और सभी जीतें हासिल कर ली हैं, इसलिए उनका PCT 100 % है। भारत ने छह मैच खेले, दो हार के कारण उनका PCT घट गया, लेकिन अभी भी शीर्ष पर है। इंग्लैंड को अब जल्दी से जीतना पड़ेगा, अन्यथा वे नीचे गिर सकते हैं। कोहली की स्पिनिंग ने 115 रन बनाए, और रूट का 89 रन इंग्लैंड के लिए अहम था। दोनों टीमों की फॉर्म को देख कर कहा जा सकता है कि बॉलर की स्ट्रेटेजी ही निर्णायक होगी। अब बैंकरों को बॉलिंग अटैक को तेज़ करना होगा, जैसा कि एडन हेम्स ने सुझाया था। अगले टेस्ट में पिच की स्थिति, मौसम और तेज़ बॉल्स का swing भी बड़ी भूमिका निभाएंगे। टीमों को अपने फील्डिंग सेट‑अप को भी बेहतरीन बनाना चाहिए, नहीं तो छोटे‑छोटे फ़ील्डिंग मिस्टेक्स से पॉइंट बदल सकता है। अंत में, यदि दोनों टीमें अपनी रणनीति में सुधार करती हैं, तो WTC तालिका में बड़ा बदलाव देख सकते हैं।